
अयोध्या, उत्तरप्रदेश। आज कल तो नेताओ के प्रत्येक कार्य को राजनैतिक चश्में से ही देखने का फैशन चल गया है परन्तु कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं जिन्हे राजनैतिक चश्में न देखा जाये तो अच्छा होगा। खबर विकट परिस्थितियों में भी अपनी संस्कृति को न भूलने और इन्ही संस्कृतिक विरासतों को सम्मान देने की हैं। इसका सर्वोत्तम उदहारण सीएम योगी जी ने उस समय पेश किया जब उन्होने श्री राम जन्मभूमि का अभिषेक अफगानिस्तान की एक बालिका द्वारा भेजे काबुल नदी के जल से किया। यह भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि यह जल पीएम मोदी को इस बालिका ने भेजा था जिसे उन्होने योगी जी को दिया था। योगी जी ने प्रेस वार्ता में बताया कि –
काबुल नदी का यह जल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफगानिस्तान की एक बालिका ने भेजा है। उसने पीएम से आग्रह किया है कि इस जल से भगवान राम की जन्मभूमि का अभिषेक किया जाए। काबुल की एक बालिका यदि जल भेजती है तो ये अभिनंदनीय है और मैं स्वयं ये जल लेकर अयोध्या आया हूँ। सोचिए काबुल में जो हाल है, ऐसी परिस्थितियों में भी उस बालिका ने बिना परवाह किए ये जल भेजा है, मैं उस बेटी और उनके परिवार की भावनाओं का सम्मान करता हूँ और उनके परिवार की मंगल कामना करता हूं।
अफगानिस्तान में इतने उथल-पुथल के बाद भी लोग अपनी संस्कृति को नहीं भूले हैं और आज भी अपनी जड़ो से जुड़े हैं। सीएम योगी राम जन्मभूमि को गंगा जल के साथ काबुल नदी के जल से पहले रामलला का जलाभिषेक किया फिर राम मंदिर के गर्भगृह में अर्पित किया।
बेशक यह खबर एक नज़र में किसी ब्रैकिंग या हैडलाइन जैसी नहीं नज़र आती होगी, लेकिन इस बालिका और मोदी-योगी का यह प्रयास संस्कृति और सभयताओं को सम्मान देने में लाइट हाउस का काम करेगा।